आज मंजिल का रास्ता ना मिला तो कल मिलेगा ,
कर्म किये जा तुजे फल अवश्य मिलेगा ,
आज भले ही भटका हो पर कल स्वयं को बहुत आगे पायेगा,
अगर आज घर से ना निकला तो गुमराह हो जाएगा।
आज भले खुद को रोता पाएँगा पर तेरे कल में खुशी छिपी हैं,
तू रोना बंद कर बच्चा ना ना बन स्वयं से छल ना कर ,
कर्म किये जा रे बंदे निष्कर्ष स्वयं निकल जायेगा ,
अगर आज घर से ना निकला तो गुमराह हो जाएगा।
जिन्दगी को यूंही बर्बाद ना कर कुछ कर गुज़रने पर उतर ,
'मैैं' मे विश्वास रख 'तुम ' से दूर हट,
दस बार असफल होगा पर अंत में सफल हो जायेगा,
अगर आज घर से ना निकला तो गुमराह हो जाएगा।
आज शुरूआत कर अपने लक्ष्य को पाने की,
व्यवहार बदल पर इंन्सानियत से न मुखर तू,
अंततः विजय ध्वज लहरायेगा और ऊपर उठ जायेगा,
अगर आज घर से ना निकला तो गुमराह हो जाएगा।
By-Harshal jain
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