कुछ दिलों को मैंने कुछ दिलों के लिए
बुज़दिल होते हुए देखा है,
चाहत होते हुए भी प्यार को
इन्कार होते हुए देखा है,
मज़बूरी,दग़ाबाज़ी या
अमीरों का ख्वाब चाहे जो भी हो
कुछ दिलों को मैंने कुछ दिलों के लिए
कातिल होते हुए देखा है।
Author's Notes/Comments:
Writer: - Nshripad
✍️एन_श्रीपाद(चारूश्री)